तू जहा मैं वहा तेरे बिन जाउ कहा
तू फलक तू ज़मीन तुझसे है मेरा जहाँ
ज़िक्र तेरा ही करूँ और कुछ ना कहूँ
तू ही लब का रास्ता तू है ज़ुबान
तुझसे हूँ जबसे मिला ज़िंदगी से मिला
ख्वाब सारे खिल गये आशियाँ मिल गया
तू मिल गया
तू जहा मैं वहा तेरे बिन जाउ कहा
तू फलक तू ज़मीन तुझसे है मेरा जहाँ
तू ही मेरे रूबरू तू ही दरमियाँ
बेरंग थी ज़िंदगी रंग तेरे भर लिया
हर सफ़र में ही चाहु तुझको ही मेहेरबान
अब मुकम्मल हो गयी बरसों की ये दुआ
रौशन हुआ दोनो जहाँ तू मिल गया
धूप तू छाँव तू शबनबी ऐहसास तू
हो ख़ुशी या की गम हर लम्हा मेरे पास तू
धूप तू छाँव तू शबनबी ऐहसास तू
तेरी वजह से ज़िंदगी मैं फिर जी गया
इस कदर हो जाउ मैं तुझमे यूँ फ़ना
तुझसे हूँ जबसे मिला ज़िंदगी से मिला
ख्वाब सारे खिल गये आशियाँ मिल गया
तू मिल गया