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Kishore Kumar - Are Wah Re Mere Malik Lyrics



Kishore Kumar - Are Wah Re Mere Malik Lyrics
Official




हाहहहाहा
हाहहहाहा
अर्रे वाह मेरे मालिक
खूब हैं तेरे खेल
पागल सारे छुट्टे घूमें
समझदार को जैल
अर्रे वाह रे मालिक
अर्रे अर्रे जूते को पगड़ी
पगड़ी को जूता सद्री को गमछा
सर को पैर बताएँ
आँख के अंधे कमल नयन कहलहाए

झूठ को पगड़ी पगड़ी को झूठा
सद्री को गमछा सर को पैर बताएँ
आँख के अंधे कमल नयन कहलाहाय

आए टन बिन कपड़ा
कपड़ा बिन टन धड़कन बिन दिल
दिल बिन धड़कन पहले बुढ़ापा
बाद में बचपन
वाअ वाह
मा गा रे सा नि ढा

अर्रे वाह मेरे मालिक
अर्रे वाह मेरे मालिक
खूब हैं तेरे खेल
खूब हैं तेरे खेल
हे हे

सर्वालों के ऊपेर मिट्टी
सर्वालों के ऊपेर मिट्टी
गढ़े लगाएँ तेल
गढ़े लगाएँ तेल
अर्रे वाह रे मालिक
अर्रे वाह रे मालिक
अर्रे अर्रे घर को बाहर बाहर को घर
सड़क पे बिस्तर लंबी लॉट लगाएँ
पत्थर पूजेन और हमको त्हुकराएँ
तन बिन कपड़ा कपड़ा बिन तन
धड़कन बिन दिल दिल बिन धड़कन
पहले बुढ़ापा बाद में बचपन
वाअ
मा गा रे सा नि ढा पा मा
अर्रे वाह रे मालिक

अर्रे वाह मेरे मालिक
खूब हैं तेरे खेल
हम जैसों के पैर में बेदी
लंगड़ा करे कुलेल
अर्रे वाह रे मालिक
अर्रे अर्रे पाई ना कौड़ी
नाम करोड़ी काठ की घोड़ी सरपट दौड़ी जाए
अजब अजूबा जो देखे रह जाए
तन बिन कपड़ा कपड़ा बिन तन
धड़कन बिन दिल दिल बिन धड़कन
पहले बुढ़ापा बाद में बचपन
वाअ
मा गा रे सा नि ढा
वाह मा गा रे सा सा सा
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हाहहहाहा
हाहहहाहा
अर्रे वाह मेरे मालिक
खूब हैं तेरे खेल
पागल सारे छुट्टे घूमें
समझदार को जैल
अर्रे वाह रे मालिक
अर्रे अर्रे जूते को पगड़ी
पगड़ी को जूता सद्री को गमछा
सर को पैर बताएँ
आँख के अंधे कमल नयन कहलहाए

झूठ को पगड़ी पगड़ी को झूठा
सद्री को गमछा सर को पैर बताएँ
आँख के अंधे कमल नयन कहलाहाय

आए टन बिन कपड़ा
कपड़ा बिन टन धड़कन बिन दिल
दिल बिन धड़कन पहले बुढ़ापा
बाद में बचपन
वाअ वाह
मा गा रे सा नि ढा

अर्रे वाह मेरे मालिक
अर्रे वाह मेरे मालिक
खूब हैं तेरे खेल
खूब हैं तेरे खेल
हे हे

सर्वालों के ऊपेर मिट्टी
सर्वालों के ऊपेर मिट्टी
गढ़े लगाएँ तेल
गढ़े लगाएँ तेल
अर्रे वाह रे मालिक
अर्रे वाह रे मालिक
अर्रे अर्रे घर को बाहर बाहर को घर
सड़क पे बिस्तर लंबी लॉट लगाएँ
पत्थर पूजेन और हमको त्हुकराएँ
तन बिन कपड़ा कपड़ा बिन तन
धड़कन बिन दिल दिल बिन धड़कन
पहले बुढ़ापा बाद में बचपन
वाअ
मा गा रे सा नि ढा पा मा
अर्रे वाह रे मालिक

अर्रे वाह मेरे मालिक
खूब हैं तेरे खेल
हम जैसों के पैर में बेदी
लंगड़ा करे कुलेल
अर्रे वाह रे मालिक
अर्रे अर्रे पाई ना कौड़ी
नाम करोड़ी काठ की घोड़ी सरपट दौड़ी जाए
अजब अजूबा जो देखे रह जाए
तन बिन कपड़ा कपड़ा बिन तन
धड़कन बिन दिल दिल बिन धड़कन
पहले बुढ़ापा बाद में बचपन
वाअ
मा गा रे सा नि ढा
वाह मा गा रे सा सा सा
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Writer: SHAILENDRA, Salil Chowdhury
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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