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Kishore Kumar - Bhare Pade Hai Is Duniya Men Lyrics



Kishore Kumar - Bhare Pade Hai Is Duniya Men Lyrics
Official




भरे पड़े है इस दुनिया में
अकल के अंधे नकल के धंधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बँधे
भरे पड़े है इस दुनिया में
अकल के अंधे नकल के धंधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बँधे हे

ये दुनिया एक मंदी है
जहाँ धर्म बीके ईमान बीके
ये दुनिया एक मंदी है
जहाँ धर्म बीके ईमान बीके
वो पूजा नगद नारायण की
और टेक टेक इंसान बाइक
हर सूरत के हर साइज के
हर सूरत के हर साइज के
हर फैशन के हर मोडल के
भरे पड़े है
भरे पड़े है इस दुनिया में
अकल के अंधे नकल के धंधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बंधे हुए

जूठ को यहाँ बढ़िया माने
और सचे को घटिया
जूठ को यहाँ बढ़िया माने
और सचे को घटिया
जिधर भी देखो फटफट दोड़े
जूतों की फटफटिया
सब के टायर फटे पड़े है
सब के टायर फटे पड़े है
जिसे पड़े है सैदे पड़े है
भरे पड़े है
भरे पड़े है इस दुनिया में
अकल के अंधे नकल के धंधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बँधे

भूले से मिल जाये भी बंदा कोई सयाना
भूले से मिल जाये भी बंदा कोई सयाना
पागलो के संग बैठ के वो भी हो जाये दीवाना
पागल खाने जैल और ठाणे
जैल और ठाणे पागल खाने जल
पागल खाने जल और ठाणे
भरे पड़े है भरे पड़े है
अकल के अंधे नकल के धंधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बँधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बँधे हा हा
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भरे पड़े है इस दुनिया में
अकल के अंधे नकल के धंधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बँधे
भरे पड़े है इस दुनिया में
अकल के अंधे नकल के धंधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बँधे हे

ये दुनिया एक मंदी है
जहाँ धर्म बीके ईमान बीके
ये दुनिया एक मंदी है
जहाँ धर्म बीके ईमान बीके
वो पूजा नगद नारायण की
और टेक टेक इंसान बाइक
हर सूरत के हर साइज के
हर सूरत के हर साइज के
हर फैशन के हर मोडल के
भरे पड़े है
भरे पड़े है इस दुनिया में
अकल के अंधे नकल के धंधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बंधे हुए

जूठ को यहाँ बढ़िया माने
और सचे को घटिया
जूठ को यहाँ बढ़िया माने
और सचे को घटिया
जिधर भी देखो फटफट दोड़े
जूतों की फटफटिया
सब के टायर फटे पड़े है
सब के टायर फटे पड़े है
जिसे पड़े है सैदे पड़े है
भरे पड़े है
भरे पड़े है इस दुनिया में
अकल के अंधे नकल के धंधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बँधे

भूले से मिल जाये भी बंदा कोई सयाना
भूले से मिल जाये भी बंदा कोई सयाना
पागलो के संग बैठ के वो भी हो जाये दीवाना
पागल खाने जैल और ठाणे
जैल और ठाणे पागल खाने जल
पागल खाने जल और ठाणे
भरे पड़े है भरे पड़े है
अकल के अंधे नकल के धंधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बँधे
अकल के अंधे नकल के धंधे
जुठ के बँधे हा हा
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Writer: MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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