भीगे हुए आँचल में
समेटो न बदन को
सावन में कहीं आग न
लग जाये चमन को
सावन में कहीं आग न
लग जाये चमन को
ये हुस्न ये शबनम
ये बहारे ये जवानी
हे ये हुस्न ये शबनम
ये बहारे ये जवानी
बहता हुआ देखा है
यही आग पे पानी
हे हे ले जाऊ मै ऐसे मे कहा
दिल की ये जलन को
सावन मे कही आग न
लग जाए चमन को
सावन मे कही आग न
लग जाए चमन को
ये मदभरी तन्हाई
ये तन्हाई का जादू
हे ये मदभरी तन्हाई
ये तन्हाई का जादू
ऐसे में भला कैसे हो
जज़्बात पे काबू
हे हे रंगी बना लो
इसी पल भर के मिलन को
सावन में कहीं आग न
लग जाये चमन को
सावन में कहीं आग न
लग जाये चमन को