Back to Top

Ek Botal Ho Bagal Mein Video (MV)






Kishore Kumar - Ek Botal Ho Bagal Mein Lyrics
Official




[ Featuring Lata Mangeshkar ]

हे बुई बुई बुई बुई
बुई बुई
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
पी पी रे पी पी रे

हा जब थोडी सी गले में गल जाती है यारो
आंखों में गुलाबी शम्मा जल जाती है यारो
हे डू डू डू डू
जब थोडी सी गले में गल जाती है यारो
आंखों में गुलाबी शम्मा जल जाती है यारो
चार कतरो से निकल जाता है सारा काम
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
पी पी रे पी पी रे

ह रो रो के जीने वालो
पीने की आदत डालो
मेखाने में आ बैठो
और अपनी प्यास भुजा लो
भुजा लो भुजा लो भुजा लो
ह ह ह ह ह ह
रो रो के जीने वालो
पीने की आदत डालो
मेखाने में आ बैठो
और अपनी प्यास भुजा लो
देखो जन्नत मिल रही है
कितने सस्ते दाम
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम

हा मत सोचो पिने से
होती है कोई खराबी
अपना क्या बिगड़ेगा
जो दुनिया कहे शराबी
शराबी शराबी शराबी
ह ह ह ह ह ह

मत सोचो पीने से
होती है कोई खराबी
अपना क्या बिगड़ेगा
जो दुनिया कहे शराबी
नाम होता है उसी का(नाम होता है उसी का)
जो हुआ बदनाम(जो हुआ बदनाम)
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो के जाम
फिर किसको फ़ुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
पी पी रे पी पी रे पी पी रे पी पी रे
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




हे बुई बुई बुई बुई
बुई बुई
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
पी पी रे पी पी रे

हा जब थोडी सी गले में गल जाती है यारो
आंखों में गुलाबी शम्मा जल जाती है यारो
हे डू डू डू डू
जब थोडी सी गले में गल जाती है यारो
आंखों में गुलाबी शम्मा जल जाती है यारो
चार कतरो से निकल जाता है सारा काम
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
पी पी रे पी पी रे

ह रो रो के जीने वालो
पीने की आदत डालो
मेखाने में आ बैठो
और अपनी प्यास भुजा लो
भुजा लो भुजा लो भुजा लो
ह ह ह ह ह ह
रो रो के जीने वालो
पीने की आदत डालो
मेखाने में आ बैठो
और अपनी प्यास भुजा लो
देखो जन्नत मिल रही है
कितने सस्ते दाम
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम

हा मत सोचो पिने से
होती है कोई खराबी
अपना क्या बिगड़ेगा
जो दुनिया कहे शराबी
शराबी शराबी शराबी
ह ह ह ह ह ह

मत सोचो पीने से
होती है कोई खराबी
अपना क्या बिगड़ेगा
जो दुनिया कहे शराबी
नाम होता है उसी का(नाम होता है उसी का)
जो हुआ बदनाम(जो हुआ बदनाम)
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो के जाम
फिर किसको फ़ुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
पी पी रे पी पी रे पी पी रे पी पी रे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: RAHUL DEB BURMAN, RAJINDER KRISHAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network


Tags:
No tags yet