जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
अब याद रखना राह ये दिलबर
लूटा है इसपे तुमने बहार में
कल तक वहीं पर आँख बिछाए
बैठा रहूँगा मै इंतज़ार में
जाओ करो ना बेक़ल दिल रहा है मचल
बाक़ी बातें होंगी कल अभी क्या कहूँ
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
थोड़ी अभी तो नज़र झुकाओगी
थोड़ा अभी तो शरमाओगी तुम
पहला ही दिन है अपने मिलन का
दो चार दिन में खुल जाओगी तुम
इसे कहते हैं प्यार सिखाऊँगा मैं यार
हूँ तुम्हारा दावेदार आगे क्या कहूँ
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
पागल कहो तुम हसकर मुझको
या दिल ही दिल में दीवाना समझो
पर ये तुम्हारी कैसी अदा है
अपने किसी को बेगाना समझो
जा समझ में हो कम ना उमर में हो कम
अब तुमसे सनम मैं क्या कहूँ
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना