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Kishore Kumar - Ruk Jana Nahin [Pt.- 1] Lyrics



Kishore Kumar - Ruk Jana Nahin [Pt.- 1] Lyrics
Official




आ आ आ आ आ आ
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही

सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले है अपनी धुन में दीवाना
शाम सुहानी बन जाते हैं दिन इंतजार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही

साथी ना कारवां है
ये तेरा इम्तहां है
साथी ना कारवां है
ये तेरा इम्तहां है
यूँ ही चला चल दिल के सहारे
करती है मंजिल तुझको इशारे
देख कहीं कोई रोक नहीं ले तुझको पुकार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही

नैना आंसू जो लिए हैं
ये राहों के दिए हैं
नैना आंसू जो लिए हैं
ये राहों के दिए हैं
लोगों को उनका सब कुछ देके
तू तो चला था सपने ही लेके
कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
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आ आ आ आ आ आ
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही

सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले है अपनी धुन में दीवाना
शाम सुहानी बन जाते हैं दिन इंतजार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही

साथी ना कारवां है
ये तेरा इम्तहां है
साथी ना कारवां है
ये तेरा इम्तहां है
यूँ ही चला चल दिल के सहारे
करती है मंजिल तुझको इशारे
देख कहीं कोई रोक नहीं ले तुझको पुकार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही

नैना आंसू जो लिए हैं
ये राहों के दिए हैं
नैना आंसू जो लिए हैं
ये राहों के दिए हैं
लोगों को उनका सब कुछ देके
तू तो चला था सपने ही लेके
कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
[ Correct these Lyrics ]
Writer: LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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