सांसों के
किसी एक मोड़ पर
मिली थी तू ज़िन्दगी
मेरी दोस्त बन के
चल दिया तेरी बात मान कर
तेरा हाथ थाम कर
तुझे साथी चुन के
मैं किस मंजिल का राही हूँ
तू किन राहों पे लायी है
समज पाऊं ना मैं तुझको
ना तू मुझको
जो ना मंजूर है मुझको
वही मंजूर है तुझको
समज पाऊं ना मैं तुझको
ना तू मुझको
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
जो ले लिया था तूने फैसला
ज़मी पे आसमां मैं रख दिया
मैं छाव में लपेटे धुप को
कहा जो तूने कहना कर दिया
चला मैं अपनी मंजिल को
जा तू भी लौट जा घर को
समज पाऊं ना मैं तुझको
ना तू मुझको
जो ना मंजूर है मुझको
वही मंजूर है तुझको
समज पाऊं ना मैं तुझको
ना तू मुझको
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ