कैसे किस तरह जाने अनजाने में
बन गयी कहानियाँ हा हा हा
किस तरह हा हा हा
उ उ उ उ उ उ उ उ
हर दिन बीते जाए शाम रातें हो जाए
बढ़ते ही जाए हमारी यारियाँ
कहानियाँ हा हा हा
इस तरह हा हा हा
उ उ उ उ उ उ उ उ
ये दिल, दिल
बैठे या ना बैठे कह दिया चुप रहे
आजमाए कौन सा
ये दिल, दिल
भीग जाए, थम जाए, टूट जाए, ढल जाए
क्या पता कैसा नसीब
फिर भी इस तरहहा हा हा बन रहे कहानियाँ हा हा हा
कहानियों की परछाई में डूबती चली जाती हैं
ये ज़िन्दगी भी कैसे कैसे नगमें सुनाती हैं
कहानियाँ हा हा हा इस तरह हा हा हा
कहानियाँ आ आ आ