दिल मेरे तू दीवाना है
पागल है मैंने माना है
आ आ आ आ आ
दिल मेरे तू दीवाना है
पागल है मैंने माना है
पल पल आहें भरता है
कहने से क्यों डरता है
दिल मेरे तू दीवाना है
खामोशियों के जुबां
कोई ना समझे यहां
सहरा में गुल खिलते नहीं
मिलके कभी मिलते नहीं
जाने है किसकी खता
अनजाने ये राहें
मंज़िल का देंगी पता
दिल मेरे तू दीवाना है
पागल है मैंने माना है
पल पल आहें भरता है
कहने से क्यों डरता है
दिल मेरे तू दीवाना है
नदियों को अहसास है
सागर में भी प्यास है
माना की है अँधेरा घना
किसने किया तुझको मना
तारो की शम्मा जला
सच होते सपने भी
मैने है ऐसा सूना
दिल मेरे तू दीवाना है
पागल है मैंने माना है
पल पल आहें भरता है
कहने से क्यों डरता है
दिल मेरे तू दीवाना है
पागल है मैंने माना है
पल पल आहें भरता है
कहने से क्यों डरता है
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म