आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
रोज ही की तरह आज भी दर्द को
हम छुपाने लगे थे मगर रो पड़े
मगर रो पड़े
और अब क्या कहें क्या हुआ हैं हमें
तुम तो हो बेखबर हम भी अनजान हैं
बस यही जान लो तो बहोत हो गया
हम भी रखते हैं दिल हम भी इन्सान हैं
मुस्कुराते हुए हम बहाना कोई
फिर बनाने लगे थे मगर रो पड़े
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
मगर रो पड़े
हैं सितारे कहाँ इतने आकाश पर
हर किसीको अगर एक सितारा मिले
कश्शतियों के लिये ये भँवर भी तो हैं
क्या ज़रूरी है सबको कनारा मिले
बस यही सोच के हम बड़े चैन से
डूब जाने लगे थे मगर रो पड़े
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
मगर रो पड़े
उम्रभर काश हम यूँ ही रोते रहे
आज क् यों के हमे ये हुई है खबर
मुस्कुराहट की तो कोई कीमत नहीं
आँसूओ से हुई हे हमारी कदर
बादलों की तरह हम तो बरसे बिना
लौट जाने लगे थे मगर रो पड़े
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
मगर रो पड़े