आप मुझे अच्छे लगने लगे
सपने सच्चे लगने लगे
अहा आप मुझे अच्छे लगने लगे
सपने सच्चे लगने लगे
नैन सारी रेन जगने लगे
के आप मुझे अच्छे लगने लगे
सपने सच्चे लगने लगे
नैन सारी रेन जगने लगे
के आप मुझे अच्छे लगने लगे
सपने सच्चे लगने लगे
बाते यही होने लगी गांव में हो
बाते यही होने लगी गांव में
छुपती फिरू में धूप में छाँव में
जंजीरे फौलाद की हैं पाँव में
मगर छन छननन घुंघरू बजने लगे
अहा आप मुझे अच्छे लगने लगे
नैन सारी रेन जगने लगे
के आप मुझे अच्छे लगने लगे
सपने सच्चे लगने लगे
अँखियो को भेद खोलना आ गया हाय
अँखियो को भेद खोलना आ गया
मेरे मन को भी ङोलना आ गया
खामोशी को बोलना आ गया
देखो गीत मेरे मुख पे सजने लगे
अहा आप मुझे अच्छे लगने लगे
नैन सारी रेन जगने लगे
के आप मुझे अच्छे लगने लगे
सपने सच्चे लगने लगे