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Lata Mangeshkar - Aapke Shahar Mein Aai Hoon Lyrics



Lata Mangeshkar - Aapke Shahar Mein Aai Hoon Lyrics
Official




आ आ आ आ आ आ आ आ आ

आप के शहर में आयी हूँ शौक से
आप के जॉफ से फिर भी डरती हूँ मैं
अपना दिल तोड़कर दिल्लगी छोड़कर
एक ताजा गजल पेश कराती हूँ मैं
के जश इ शादी है रात आधी है
के जश इ शादी है रात आधी है
खुशनसीबों को शब् मुबारक हो
मैं पशेमा हूँ कुछ परेशान हूँ
मेरे अश्कों को आप मत देखो
जाने मेह्बूबी दर्द में डूबी चीज गायूंगी
मुस्करायूंगी गम सहे दिल में फिर
भी महफ़िल में क्या किसी से क्या किसी से
क्या किसी से मैं शिकवा करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी

दिल की दुश्मन हूँ मैं गम की दुल्हन हूँ
टूटे वादों से भूली यादों से
जाम जलती है चोट लगती है
फिर भी जिन्दा हूँ मैं शर्मिंदा हूँ
ै मेहरबानो मेरे दीवाने
ठीक कहते हो चाँद लोगों को
प्यार करने का हक़ नहीं होता
क्या मैं फिर यह क्या मैं फिर यह
क्या मैं फिर यह तमन्ना करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी

सामने है तू बाँध लूँ घुंगरू

सामने है तू बाँध लूँ घुंगरू
रक्स जारी हो रात तारी हो
फिर खुदा जाने तेरे दीवाने
कब तुझे देखे जब तुझे देखे
कुछ न हो बाकी इस लिए साथी
आज पीने दे ज़ख्म सीने दे
भूल जाने दे डगमगाने दे
होश में रहके होश में रहके
होश में रहके मैं क्या करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी
[ Correct these Lyrics ]

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आ आ आ आ आ आ आ आ आ

आप के शहर में आयी हूँ शौक से
आप के जॉफ से फिर भी डरती हूँ मैं
अपना दिल तोड़कर दिल्लगी छोड़कर
एक ताजा गजल पेश कराती हूँ मैं
के जश इ शादी है रात आधी है
के जश इ शादी है रात आधी है
खुशनसीबों को शब् मुबारक हो
मैं पशेमा हूँ कुछ परेशान हूँ
मेरे अश्कों को आप मत देखो
जाने मेह्बूबी दर्द में डूबी चीज गायूंगी
मुस्करायूंगी गम सहे दिल में फिर
भी महफ़िल में क्या किसी से क्या किसी से
क्या किसी से मैं शिकवा करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी

दिल की दुश्मन हूँ मैं गम की दुल्हन हूँ
टूटे वादों से भूली यादों से
जाम जलती है चोट लगती है
फिर भी जिन्दा हूँ मैं शर्मिंदा हूँ
ै मेहरबानो मेरे दीवाने
ठीक कहते हो चाँद लोगों को
प्यार करने का हक़ नहीं होता
क्या मैं फिर यह क्या मैं फिर यह
क्या मैं फिर यह तमन्ना करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी

सामने है तू बाँध लूँ घुंगरू

सामने है तू बाँध लूँ घुंगरू
रक्स जारी हो रात तारी हो
फिर खुदा जाने तेरे दीवाने
कब तुझे देखे जब तुझे देखे
कुछ न हो बाकी इस लिए साथी
आज पीने दे ज़ख्म सीने दे
भूल जाने दे डगमगाने दे
होश में रहके होश में रहके
होश में रहके मैं क्या करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी
मैं तवायफ़ हूँ मुजरा करुँगी
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANANDSHI BAKSHI, R D Burman
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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