जवाहरलाल नेहरू जी को ये मेरा गीत बोहोत पसद था
मैं आज उनकी याद मैं ये गीत आपको सुनाती हु
आ आ आ आ आ
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सबका लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो
कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर न आये जो लौट के घर न आये
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
तुम भूल ना जाओ उनको इसलिए कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
जब घायल हुआ हिमालय
ख़तरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी जान गवाई
संगीन पे धर कर माथा
सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
कोई सिख कोई जाट-मराठा
कोई गुरखा कोई मद्रासी
सरहद पर मरने वाला
सरहद पर मरने वाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर,
वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
थी खून से लथपथ काया
फिर भी बंदुक उठा के
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवा के
जब अंत समय आया तो
कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं
अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
जय हिंद जय हिंद की सेना
जय हिंद जय हिंद की सेना
जय हिंद जय हिंद
जय हिंद