[ Featuring Kishore Kumar ]
भीगी भीगी रातों में
मीठी मीठी बातों में
ऐसे बरसातों में कैसा लगता है?
ऐसा लगता है तुम बनके बादल
मेरे बदन को भिगोके
मुझे छेड़ रहे हो हो ओ
छेड़ रहे हो
ऐसा लगता है तुम बनके बादल
मेरे बदन को भिगोके
मुझे छेड़ रहे हो हो ओ
छेड़ रहे हो
अम्बर खेले होली उई माँ
भीगी मोरी चोली हमजोली हमजोली
अम्बर खेले होली उई माँ
भीगी मोरी चोली हमजोली हमजोली
हो पानी के इस रेले में
सावन के इस मेले में
छत पे अकेले में
कैसा लगता है
ऐसा लगता है तुम बनके घटा
अपने साजन को भिगोके खेल खेल रही हो हो
खेल रही हो
ऐसा लगता है
तुम बनके बादल मेरे बदन को भिगोके
मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो
बरखा से बछालूं तुझे
सीने से लगा लूं
हा छुपालुं हा छुपालुं
बरखा से बछालूं तुझे
सीने से लगा लूं
हा छुपालुं हा छुपालुं
दिल ने पुकारा देखो रुत का इशारा देखो
उफ़ ये नज़ारा देखो
कैसा लगता है
ऐसा लगता है कुछ हो जायेगा
मस्त पवन के ये झोके
सइयां देख रहे हो हो
देख रहे हो
ऐसा लगता है
तुम बनके बादल मेरे बदन को
भिगोके मुझे छेड़ रहे हो हो
छेड़ रहे हो हो