बोल मेरी तक़्दीर में क्या है मेरे हमसफ़र अब तो बता
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता
कहाँ है मेरे प्यार की मंज़िल तू बतला तुझको है पता
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता
जहाँ हम आके पहुँचे हैं वहाँ से लौटकर जाना
नहीं मुमकिन मगर मुश्किल है दुनिया से भी टकराना
जहाँ हम आके पहुँचे हैं वहाँ से लौटकर जाना
नहीं मुमकिन मगर मुश्किल है दुनिया से भी टकराना
तेरे लिए हम कुछ भी सहेंगे तेरा दर्द अब दर्द मेरा
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता
बोल मेरी तक़्दीर में क्या है मेरे हमसफ़र अब तो बता
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता
जहाँ जिस हाल में भी हूँ रहेंगे हम तुम्हारे ही
नदी सागर से मिलती है नहीं मिलते किनारे ही
जहाँ जिस हाल में भी हूँ रहेंगे हम तुम्हारे ही
नदी सागर से मिलती है नहीं मिलते किनारे ही
अपना अपना हैं ये मुकद्दर आज करे हम किस से गिला
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता
कहाँ है मेरे प्यार की मंज़िल तू बतला तुझको है पता
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता