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Lata Mangeshkar - Brindaban Ka Krishna Kanhaiya Lyrics



Lata Mangeshkar - Brindaban Ka Krishna Kanhaiya Lyrics
Official




[ Featuring Mohammed Rafi ]

बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखो का तारा

बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखो का तारा

मन ही मन क्यों जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा

मन ही मन क्यों जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया(बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया)
सब की आँखो का तारा(सब की आँखो का तारा)

जमना तट पर नन्द का लाला
जब जब रास रचाये रे
जमना तट पर नन्द का लाला(जमना तट पर नन्द का लाला)
जब जब रास रचाये रे(जब जब रास रचाये रे)

तन मन डोले कान्हा ऐसी
बंसी मधुर बजाये रे
सुध-बुध भूली खड़ी गोपियाँ
जाने कैसा जादू डारा
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया(बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया)
सब की आँखो का तारा(सब की आँखो का तारा)

रंग सलोना ऐसा जैसे
छाई हो घट सावन की
रंग सलोना ऐसा जैसे(रंग सलोना ऐसा जैसे)
छाई हो घट सावन की(छाई हो घट सावन की)

ऐ री मैं तो हुई दीवानी
मनमोहन मन भावन की
तेरे कारण देख बाँवरे
छोड़ दिया मैं ने जग सारा
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया(बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया)
सब की आँखो का तारा(सब की आँखो का तारा)
मन ही मन क्यों जले राधिका(मन ही मन क्यों जले राधिका)
मोहन तो है सब का प्यारा(मोहन तो है सब का प्यारा)
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया(बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया)
सब की आँखो का तारा(सब की आँखो का तारा)
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बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखो का तारा

बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखो का तारा

मन ही मन क्यों जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा

मन ही मन क्यों जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया(बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया)
सब की आँखो का तारा(सब की आँखो का तारा)

जमना तट पर नन्द का लाला
जब जब रास रचाये रे
जमना तट पर नन्द का लाला(जमना तट पर नन्द का लाला)
जब जब रास रचाये रे(जब जब रास रचाये रे)

तन मन डोले कान्हा ऐसी
बंसी मधुर बजाये रे
सुध-बुध भूली खड़ी गोपियाँ
जाने कैसा जादू डारा
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया(बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया)
सब की आँखो का तारा(सब की आँखो का तारा)

रंग सलोना ऐसा जैसे
छाई हो घट सावन की
रंग सलोना ऐसा जैसे(रंग सलोना ऐसा जैसे)
छाई हो घट सावन की(छाई हो घट सावन की)

ऐ री मैं तो हुई दीवानी
मनमोहन मन भावन की
तेरे कारण देख बाँवरे
छोड़ दिया मैं ने जग सारा
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया(बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया)
सब की आँखो का तारा(सब की आँखो का तारा)
मन ही मन क्यों जले राधिका(मन ही मन क्यों जले राधिका)
मोहन तो है सब का प्यारा(मोहन तो है सब का प्यारा)
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया(बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया)
सब की आँखो का तारा(सब की आँखो का तारा)
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Writer: KUMAR HEMANT, Rajinder Krishnan
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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