दिए जलाए प्यार के चलो इसी खुशी मे
बरस बिता के आई है ये शाम जिंदगी मे
दिए जलाए प्यार के चलो इसी खुशी मे
बरस बिता के आई है ये शाम जिंदगी मे
घुल गया एक साल फिर तन मन के रंग मे महकी बाहर बनके
रुत फिर बीती हुई बन बन के चाँदनी चेहरे पे आई छलके
भटक चले किसी हसीन याद की गली मे
बरस बिता के आई है ये शाम जिंदगी मे
जगमग नैना हुए हसदे पलको तले सपने कई सुहाने
पल भर के वास्ते फिरने लगे सामने गुज़रे हुए जमाने
पुकार ले गये हुए दीनो को बेखुदी मे
बरस बिता के आई है ये शाम जिंदगी मे