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Lata Mangeshkar - Ek Patthar Dil Ko Main Dil Lyrics



Lata Mangeshkar - Ek Patthar Dil Ko Main Dil Lyrics
Official




[ Featuring Mohammed Rafi ]

एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
एक बेदर्दी को मैं दिल दे बैठी
शीशे से पत्थर टकराया
माटी के भूत से प्यार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
शीशे से पत्थर टकराया
माटी के भूत से प्यार किया
एक पत्थरदिल को मैं दिल दे बैठी

उसने घूँघट ना खोला मैं घूँघट मे जलती रही
उसने घूँघट ना खोला मैं घूँघट मे जलती रही
उसकी याद छुरी बनके मेरे दिल पे चलती रही
मीठा मीठा दर्द सहा बेदर्दी से कुछ ना कहा
मैं दीवानी थी ना जानी अपने कातिल को
मैं दिल दे बैठी
दुल्हन बनके सेज सजाई जुल्मी का इंतज़ार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
एक बेदर्दी को मैं दिल दे बैठी

कहकर जीना अछा है चुप रह कर मर जाने से
कहकर जीना अछा है चुप रह कर मर जाने से
शरम बहुत आई फिर भी छेड़ी बात बहाने से
दिल का हाल कहा सुनके वो चुप छाप रहा
मैं दीवानी थी ना जानी
ऐसे बुजदिल को मैं दिल दे बैठी
आज नही तो कल समझेगा मैने एतबार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
एक बेदर्दी को मैं दिल दे बैठी

माटी के भूत भी देखो इंसानो जैसे होते है
माटी के भूत भी देखो इंसानो जैसे होते है
प्यार मिले तो हस्ते है चोट लगते तो रोते है
बस अब चुप रहना फिर ना मुझसे कहना
मैं दीवानी थी ना जानी
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
काफ़ी है ये एक इशारा मैने जो बार बार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
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एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
एक बेदर्दी को मैं दिल दे बैठी
शीशे से पत्थर टकराया
माटी के भूत से प्यार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
शीशे से पत्थर टकराया
माटी के भूत से प्यार किया
एक पत्थरदिल को मैं दिल दे बैठी

उसने घूँघट ना खोला मैं घूँघट मे जलती रही
उसने घूँघट ना खोला मैं घूँघट मे जलती रही
उसकी याद छुरी बनके मेरे दिल पे चलती रही
मीठा मीठा दर्द सहा बेदर्दी से कुछ ना कहा
मैं दीवानी थी ना जानी अपने कातिल को
मैं दिल दे बैठी
दुल्हन बनके सेज सजाई जुल्मी का इंतज़ार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
एक बेदर्दी को मैं दिल दे बैठी

कहकर जीना अछा है चुप रह कर मर जाने से
कहकर जीना अछा है चुप रह कर मर जाने से
शरम बहुत आई फिर भी छेड़ी बात बहाने से
दिल का हाल कहा सुनके वो चुप छाप रहा
मैं दीवानी थी ना जानी
ऐसे बुजदिल को मैं दिल दे बैठी
आज नही तो कल समझेगा मैने एतबार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
एक बेदर्दी को मैं दिल दे बैठी

माटी के भूत भी देखो इंसानो जैसे होते है
माटी के भूत भी देखो इंसानो जैसे होते है
प्यार मिले तो हस्ते है चोट लगते तो रोते है
बस अब चुप रहना फिर ना मुझसे कहना
मैं दीवानी थी ना जानी
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
काफ़ी है ये एक इशारा मैने जो बार बार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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