हल्का हल्का छलका छलका
ये क्या रंग जीवन मे जानू ना जानू ना
हल्का हल्का छलका छलका
सुनी सुनी राह मे आचल मेरा थम के
दिल ने हँस कर दी सदा
क्यू मुझे प्यार के नाम से
सोचु कैसे मै ढली बदले बदले रूप मे
खिल कर कैसे छा गयी
चाँदनी आज ये धूप मे
ये हलचल है क्या मन मे जानू ना जानू ना
हल्का हल्का छलका छलका
मेरा तड़पना मेरा बहकना
भूले देख के सजना
समझेंगे क्या मै जानू ना
हाए समझेंगे क्या मै जानू ना
समझू मै ना भेद ये था जो कल तक अजनबी
मन बोले क्यूँ मै उसे सौप दू हाए ये जिंदगी
पहली पहली बार ये दिल की जिद्द है क्या करू
बढ़ कर बाहें थाम लू
जाने क्या सोच कर फिर डरू
मै हू कैसी उलझन मे जानू ना जानू ना
हल्का हल्का छलका छलका