हमें याद कभी तुम कर लेना
जब रोता हुवा सावन आये
हो बहार और राह में
कोई फूल हाय मुरझाये
हमें याद कभी तुम कर लेना
जब रोता हुवा सावन आये
हो बहार और राह में
कोई फूल हाय मुरझाये
हमें याद कभी तुम कर लेना
वीरान सफ़र में जीवन के कब तक यूँ अकेले चलते पिया
वीरान सफ़र में जीवन के कब तक यूँ अकेले चलते पिया
लेकर हम ये आखिर तेरे बिना हाय आस्था
बुझता सा दिया
हमें याद कभी तुम कर लेना
देते हैं दुवा फिर भी तुमको
खुशियों की उमर लग जाए तुम्हे
देते हैं दुवा फिर भी तुमको
खुशियों की उमर लग जाए तुम्हे
जो भी तुमको ग़म हो सारे बदले में यहाँ
मिल जाये हमें
हमें याद कभी तुम कर लेना
जब रोता हुवा सावन आये
हो बहार और राह में
कोई फूल हाय मुरझाये