Back to Top

Jane Na Nazar Pehchane Jigar [Revival] Video (MV)






Lata Mangeshkar - Jane Na Nazar Pehchane Jigar [Revival] Lyrics
Official




[ Featuring Mukesh ]

हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म

जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया

मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया
जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया

आवाज़ ये किसकी आती है
जो छेड़ के दिल को जाती है
आवाज़ ये किसकी आती है
जो छेड़ के दिल को जाती है
मैं सुन के जिसे शर्मा जाऊं
है कौन जो मुझ में समाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया

जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मुझे रोज़ रोज़ तड़पाया
मुझे रोज़ रोज़ तड़पाया

ढूँढेंगे उसे हम तारों में
सावन की ठंडी बहारों में
ढूँढेंगे उसे हम तारों में
सावन की ठंडी बहारों में
पर हम भी किसी से कम तो नहीं
क्यों रूप को अपने छुपाया
मुझे रोज़ रोज़ तड़पाया
मुझे रोज़ रोज़ तड़पाया

जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया

बिन देखे जिसको प्यार करूं
गर देखूँ उस को जान भी दूँ
बिन देखे जिसको प्यार करूं
गर देखूँ उस को जान भी दूँ
एक बार कहो ओ जादूगर
ये कौन सा खेल रचाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया
जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म

जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया

मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया
जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया

आवाज़ ये किसकी आती है
जो छेड़ के दिल को जाती है
आवाज़ ये किसकी आती है
जो छेड़ के दिल को जाती है
मैं सुन के जिसे शर्मा जाऊं
है कौन जो मुझ में समाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया

जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मुझे रोज़ रोज़ तड़पाया
मुझे रोज़ रोज़ तड़पाया

ढूँढेंगे उसे हम तारों में
सावन की ठंडी बहारों में
ढूँढेंगे उसे हम तारों में
सावन की ठंडी बहारों में
पर हम भी किसी से कम तो नहीं
क्यों रूप को अपने छुपाया
मुझे रोज़ रोज़ तड़पाया
मुझे रोज़ रोज़ तड़पाया

जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया

बिन देखे जिसको प्यार करूं
गर देखूँ उस को जान भी दूँ
बिन देखे जिसको प्यार करूं
गर देखूँ उस को जान भी दूँ
एक बार कहो ओ जादूगर
ये कौन सा खेल रचाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया
जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया
मेरा अंग अंग मुस्काया
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan
Copyright: Lyrics © Royalty Network


Tags:
No tags yet