हो जिनके आने से
हो जिनके आने से पहले
शर्म शर्म आ गयी
जिनके आने से पहले शर्म आ गयी
उनके आने पे ना जाने क्या होगा
दिल लगाने से पहले शर्म आ गयी
दिल लगाने पे ना जाने क्या होगा हो हो क्या होगा
जिनके आने से पहले शर्म आ गयी
कोई आहत हुई हो हो
कोई आहत हुई
सोचा आए हैं वो कोई आहत हुई
सोचा आए हैं वो खोलू पाट द्वार के
ये भी हो ना सका
जाके दीवार से मैं तो टकरा गयी
जिनके आने से पहले शर्म आ गयी
उनके आने पे ना जाने क्या होगा हा हा क्या होगा
जिनके आने से पहले शर्म आ गयी
हाथ चलते नही पाँव रुकते नही
हाथ चलते नही पाँव रुकते नही
आँख उठती नही सोच गुमसूँ खड़ी
याद जिनकी मेरे दिल को तड़पा गयी
जिनके आने से पहले शर्म शर्म आ गयी
जिनके आने से पहले शर्म आ गयी
उनके आने पे ना जाने क्या होगा जिनके आने से पहले शर्म आ गयी