ज़ुल्मी सावरिया ने
हँसके मारा
तीर निगाहों का
कसके मारा
मैं तो कहती ही रह गयी
हाय हाय हाय मेरा दिल
मैं तो कहती ही रह गयी
हाय हाय हाय हाय हाय दिल
ज़ुल्मी सावरिया ने
हँसके मारा
तीर निगाहों का
कसके मारा
मैं तो कहती ही रह गयी
हाय हाय हाय मेरा दिल
कल शाम पनघट पे छोड़ गयीं सखियाँ
छोड़ गयीं सखियाँ
कल शाम पनघट पे छोड़ गयीं सखियाँ
इतने में बैरी से चार हुईं अँखियाँ
इतने में बैरी से चार हुईं अँखियाँ
घबराके भागी तो
छलके गगरिया
घाघर संभाले तो ढलके चुनरिया
मैं तो कहती ही रह गयी
हाय हाय हाय मेरा दिल
मैं तो कहती ही रह गयी
हाय हाय हाय हाय हाय दिल
ज़ुल्मी सावरिया ने
हँसके मारा
तीर निगाहों का
कसके मारा
मैं तो कहती ही रह गयी
हाय हाय हाय मेरा दिल
नटखट ने रोका मुझे राहों में आके
राहों में आके
नटखट ने रोका मुझे राहों में आके
फिर बोला कहाँ चली मुखडा छुपाके
फिर बोला कहाँ चली मुखडा छुपाके
सुन्न गोरी कबसे हूँ तेरा दीवाना
पर आज मुश्किल है दामन बचाना
मैं तो कहती ही रह गयी
हाय हाय हाय मेरा दिल
मैं तो कहती ही रह गयी
हाय हाय हाय हाय हाय दिल