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Lata Mangeshkar - Kitni Akeli Lyrics



Lata Mangeshkar - Kitni Akeli Lyrics
Official




आ आ आ आ आ आ आ आ
कितनी अकेली
कितनी अकेली
कितनी तनहा सी लगी
उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेली
कितनी तनहा सी लगी
उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेली

इस तरह खुले नैना
आये वो मेरे आगे
इस तरह खुले नैना
आये वो मेरे आगे
जिस तरह किसी गहरी
नींद से कोई जागे
अब जहान से दूर हूँ कहीं
बैठी मैं अलबेली
कितनी अकेली
आ आ आ आ
कितनी अकेली
कितनी तनहा सी लगी
उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेली

आ आ आ आ आ आ आ आ

काश वो मेरे बन के
पास यूँ कभी आते
काश वो मेरे बन के
पास यूँ कभी आते
खुलते द्वार बाँहों के
तन दिये से जल जाते
प्यार के बिना है ये मन मेरा
जैसे सूनी हवेली
कितनी अकेली
आ आ आ आ
कितनी अकेली
कितनी तनहा सी लगी
उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेली
कितनी तनहा सी लगी
उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेली
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आ आ आ आ आ आ आ आ
कितनी अकेली
कितनी अकेली
कितनी तनहा सी लगी
उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेली
कितनी तनहा सी लगी
उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेली

इस तरह खुले नैना
आये वो मेरे आगे
इस तरह खुले नैना
आये वो मेरे आगे
जिस तरह किसी गहरी
नींद से कोई जागे
अब जहान से दूर हूँ कहीं
बैठी मैं अलबेली
कितनी अकेली
आ आ आ आ
कितनी अकेली
कितनी तनहा सी लगी
उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेली

आ आ आ आ आ आ आ आ

काश वो मेरे बन के
पास यूँ कभी आते
काश वो मेरे बन के
पास यूँ कभी आते
खुलते द्वार बाँहों के
तन दिये से जल जाते
प्यार के बिना है ये मन मेरा
जैसे सूनी हवेली
कितनी अकेली
आ आ आ आ
कितनी अकेली
कितनी तनहा सी लगी
उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेली
कितनी तनहा सी लगी
उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेली
[ Correct these Lyrics ]
Writer: MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Lata Mangeshkar - Kitni Akeli Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Lata Mangeshkar
Length: 3:39
Written by: MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN

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