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Kya Khata Hai Meri [Soundtrack] Video (MV)




Performed By: Lata Mangeshkar
Featuring: Kumar Sanu
Length: 5:15
Written by: Faaiz Anwar




Lata Mangeshkar - Kya Khata Hai Meri [Soundtrack] Lyrics
Official




[ Featuring Kumar Sanu ]

ओ हो हो ओ हो हो

क्या खता हैं मेरी क्यों रुलाते हो तुम
क्या खता हैं मेरी क्यों रुलाते हो तुम
हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम
हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम

जिंदगी से भी बढकर मैं चाहु तुम्हे
जिंदगी से भी बढकर मैं चाहु तुम्हे
मुझपे इल्जाम फिर क्यों लगाते हो तुम
मुझपे इल्जाम फिर क्यों लगाते हो तुम

ओ हो हो ओ हो हो
मेरी वफ़ा के मुझको नज़ारे ये मिले हैं
आंसू तड़प बेचैनी तन्हाई फासले

धमने लगी ये सांसे बढ़ जाए और गम
तेरे उदास चेहरे जब देखूँ मैं सनम
दास्ताँ दर्द की क्यों सुनाते हो तुम

क्या खता हैं मेरी क्यों रुलाते हो तुम
हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम

मुझपे इल्जाम फिर क्यों लगते हो तुम

ओ हो हो ओ हो हो

बेजान हो न जाये दिल की हसरते
खो जाऊं मैं खुद में करती हैँ मिन्नतें

जज्बात दिल के रोको ऐसे ना गम करो
कुछ दिन की दुरिया हैं फासला कम करो
धडकने प्यार की क्यों जागते हो तुम

क्या खता हैं मेरी क्यों रुलाते हो तुम
हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम
हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम

जिंदगी से भी बढकर मैं चाह तुम्हे
जिंदगी से भी बढकर मैं चाह तुम्हे
मुझपे इल्जाम फिर क्यों लगाते हो तुम

हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम
क्या खता हैं मेरी क्यों रुलाते हो तुम
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ओ हो हो ओ हो हो

क्या खता हैं मेरी क्यों रुलाते हो तुम
क्या खता हैं मेरी क्यों रुलाते हो तुम
हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम
हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम

जिंदगी से भी बढकर मैं चाहु तुम्हे
जिंदगी से भी बढकर मैं चाहु तुम्हे
मुझपे इल्जाम फिर क्यों लगाते हो तुम
मुझपे इल्जाम फिर क्यों लगाते हो तुम

ओ हो हो ओ हो हो
मेरी वफ़ा के मुझको नज़ारे ये मिले हैं
आंसू तड़प बेचैनी तन्हाई फासले

धमने लगी ये सांसे बढ़ जाए और गम
तेरे उदास चेहरे जब देखूँ मैं सनम
दास्ताँ दर्द की क्यों सुनाते हो तुम

क्या खता हैं मेरी क्यों रुलाते हो तुम
हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम

मुझपे इल्जाम फिर क्यों लगते हो तुम

ओ हो हो ओ हो हो

बेजान हो न जाये दिल की हसरते
खो जाऊं मैं खुद में करती हैँ मिन्नतें

जज्बात दिल के रोको ऐसे ना गम करो
कुछ दिन की दुरिया हैं फासला कम करो
धडकने प्यार की क्यों जागते हो तुम

क्या खता हैं मेरी क्यों रुलाते हो तुम
हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम
हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम

जिंदगी से भी बढकर मैं चाह तुम्हे
जिंदगी से भी बढकर मैं चाह तुम्हे
मुझपे इल्जाम फिर क्यों लगाते हो तुम

हर कसम प्यार की तोड़ जाते हो तुम
क्या खता हैं मेरी क्यों रुलाते हो तुम
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Faaiz Anwar
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC


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