ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ आ
ओ ओ ओ
मैं हूँ दिया सुनी रात का
मैं हूँ दिया सुनी रात का
आए दिल मेरे तन्हा तुझे
बुझना है जलते जलते
अपने आँसू में खुद पिघलना है
आग में अपनी आप जलना है हे हे
अपने आँसू में खुद पिघलना है
आग में अपनी हो आप जलना है
आख़िर धुआँ हो जाना है
आहों में ढलते ढलते
मैं हूँ दिया सुनी रात का
मैं हूँ दिया सुनी रात का
खो गया जो कही ऐसा मोती हूँ
रास्ता ढूंढे ऐसी ज्योति हूँ
खो गया जो कही ऐसा मोती हूँ
रास्ता ढूंढे हो ऐसी ज्योति हूँ
आख़िर यूँ ही तक जाना है
इक दिन चलते चलते
मैं हूँ दिया सुनी रात का
मैं हूँ दिया सुनी रात का