[ Featuring Mohammed Aziz ]
किसलिए मासूम रूहो को, तड़पने की सज़ा
अपने बंडो की खुशी से, क्यू जला करता है तू
मुंसिफ़े तक़दीर मिल जाएगा तो, पूछेंगे हम
किस बिना पे ज़िंदगी का फ़ैसला करता है तू
मैं हू खुशरांग हीना
प्यारी खुशरांग हीना
ज़िंदगानी मे कोई रंग नही, मेरे बिना
ओ ओ
मैं हू खुशरांग हीना
प्यारी खुशरांग हीना
आ आ
आ आ आ आ आ
अपने प्यारो की खुशी, जो मना भी ना सके
अपने प्यारो की खुशी, जो मना भी ना सके
अपने महबूब का ग़म, जो उठा भी ना सके
अपने महबूब का ग़म, जो उठा भी ना सके
तेरे पहलू मे दिल इतना तो नही तंग, हीना
ओ मैं हू खुशरांग हीना
प्यारी खुशरांग हीना
हो वो औरत के हीना, फ़र्क किस्मत मे नही
हो वो औरत के हीना, फ़र्क किस्मत मे नही
रंग लाने के लिए दोनो पीसती ही रही
रंग लाने के लिए दोनो पीसती ही रही
मिट के खुश होने का दोनो का है एक ढंग, हीना
ओ मैं हू खुशरांग हीना
प्यारी खुशरांग हीना