मैं तोह तुम संग नैन मिला के हार गयी सजना
हार गयी सजना
मैं तोह तुम संग नैन मिला के हार गयी सजना
हार गयी सजना
क्यों झूठे से प्रीत लगायी
क्यों झूठे से प्रीत लगायी
क्यों छलिये को मीत बनाया
क्यों आंधी में दीप जलाया
मैं तोह तुम संग नैन मिला के हार गयी सजना
हार गयी सजना
सपने में जो बाग़ लगाए
नींद खुली तो वीराने थे
हम भी कितने दीवाने थे
मैं तोह तुम संग नैन मिला के हर गयी सजना
हार गयी सजना
न मिलती ये बैरन अँखियाँ
न मिलती ये बैरन अँखियाँ
चैन न जाता दिल भी न रोता
काश किसी से प्यार न होता
मैं तोह तुम संग नैन मिला के हार गयी सजना
हार गयी सजना