मेरा रस्ता रोक रहे है
यह पर्वत अन्जाने
मैं इस पार खड़ी यह सोचु
क्या उस पार है जाने
मेरा रस्ता रोक रहे है
यह पर्वत अन्जाने
मैं इस पार खड़ी यह सोचु
क्या उस पार है जाने
आ आ आ आ हो हो हो हो
परदे में जैसे कोई बात है
जाने उजाला है के रात है
परदे में जैसे कोई बात है
जाने उजाला है के रात है
चंचल मन कहता है चल चल
डरना छोडे आँचल
वो फूलों की गलिया है
या काँटों की दीवारें
मैं इस पार खड़ी यह सोचु
क्या उस पार है जाने
पाँव में गम की ज़ंजीर है
मन में ख़ुशी की तस्वीर है
पाँव में गम की ज़ंजीर है
मन में ख़ुशी की तस्वीर है
आशा मुझको आगे खींचे
और निराशा पीछे
इसकी मानुऔर किसी की न मानु
दिल दीवाने
मैं इस पार खड़ी यह सोचु
क्या उस पार है जाने
मैं इस पर खड़ी यह सोचु
क्या उस पार है जाने