मिले तो फिर झुके नही नज़र वही प्यार की
नादान दिल तुझे क्या मालूम
मिले तो फिर झुके नही नज़र वही प्यार की
नादान दिल तुझे क्या मालूम
उलफत की तो घबराना आज़ार से क्या
दिल दे बैठे तो फिर जीत से क्या हार से क्या
उलफत की तो घबराना आज़ार से क्या
दिल दे बैठे तो फिर जीत से क्या हार से क्या
दिल की बाज़ी है जीत हार की
मिले तो फिर झुके नही नज़र वही प्यार की
नादान दिल तुझे क्या मालूम
मिले तो फिर झुके नही नज़र वही प्यार की
नादान दिल तुझे क्या मालूम
मन मे जलती कुछ तपती सी प्यास लिए
पथ मे बैठे रहे रोज़ नई आस लिए
मन मे जलती कुछ तपती सी प्यास लिए
पथ मे बैठे रहे रोज़ नई आस लिए
यही रुत होती है इंतज़ार की
मिले तो फिर झुके नही नज़र वही प्यार की
नादान दिल तुझे क्या मालूम
मिले तो फिर झुके नही नज़र वही प्यार की
नादान दिल तुझे क्या मालूम
ना सही कलियाँ दामन को गुलज़ार करे
जो मिले चाहत का खार तो हम प्यार करे
ना सही कलियाँ दामन को गुलज़ार करे
जो मिले चाहत का खार तो हम प्यार करे
रंगत उसमे भी है बहार की
मिले तो फिर झुके नही नज़र वही प्यार की
नादान दिल तुझे क्या मालूम
मिले तो फिर झुके नही नज़र वही प्यार की
नादान दिल तुझे क्या मालूम