मुहब्बत के इशारो मे
अकेले मे हज़ारो मे
मुहब्बत के इशारो मे
अकेले मे हज़ारो मे
हो तेरी कसम कहा कहाँ तुझे ढूँढा
मुहब्बत के इशारो मे
अकेले मे हज़ारो मे
हो तेरी कसम कहा कहाँ तुझे ढूँढा
मिलन की तमन्ना लिए
हो नज़र यूँ भटकती रही
जुदाई की दीवार से
वफ़ा सर पटकती रही
जवानी की पुकारो मे
अकेले मे हज़ारो मे
हो तेरी कसम कहा कहाँ तुझे ढूँढा
तेरा नाम लेता है दिल
हो जहा से गुजरती हूँ मैं
मुझे क्यूँ सताए ना तू
तुझे प्यार करती हूँ मैं
निगाहो मे नज़ारों में
अकेले मे हज़ारो मे
हो तेरी कसम कहा कहाँ तुझे ढूँढा
मुहब्बत के इशारो मे
अकेले मे हज़ारो मे
हो तेरी कसम कहा कहाँ तुझे ढूँढा
तुझे ढूँढा