मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत है तेरे लिए
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत है तेरे लिए
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
कल जो लगी थी तेरे गले से
आज वो बिरहन पथ में पड़ी है
पांवों के नीचे जलती है धरती
सर पे विरह की धूप खड़ी है
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत है तेरे लिए
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
दीपक से लौ दूर हो जैसे
जैसे किरण सूरज से परायी
देखे न होंगी जग ने सावरिया
ऐसी मिले है मुझको जुदाई
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत है तेरे लिए
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
प्यार सहारा था जीवन का
प्यार ही मुझको रास न आया
अब है भटकना गलियों गलियों
साथ लिए अपनी ही छाया
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत है तेरे लिए
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा