[ Featuring Shailendra Singh ]
मुझे कुछ केहना है
मुझे भी कुछ केहना है
मुझे कुछ केहना है
मुझे भी कुछ केहना है
पेहले तू
पेहले तुम
पेहले तू
पेहले तुम
पेहले तुम
तुम
तूम
तुम
तुम
तुम
देखो, जिस तरह लखनऊ के दो नवाबों की गाड़ी
पहले आप, पहले आप, पहले आप
पहले आप करते निकल गयी थी
उस तरह हमारी पहले तुम, पहले तुम, पहले तुम
पहले तुम में ये मस्ती भरी रूठ ना चली जाए
अच्छा, मै कहती हूँ
हम अक्सर कोई लड़की इस हाल में
किसी लड़के से सोलहवें साल में
जो केहती है वो मुझे केहना है
अक्सर कोई लड़का इस हाल में
किसी लड़की से सोलहवें साल में
जो केहता है वो मुझे केहना है
अक्सर कोई लड़की
हाँ अक्सर कोई लड़का
हाँ हाँ अक्सर कोई लड़की इस हाल में
ना आँखों में नींद, ना दिल में करार
येही इंतज़ार, येही इंतज़ार
तेरे बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता
सब झूठा लगता है, सच नहीं लगता
ना घर में लगे दिल, ना बाहर कहीं पर
बैठी हूँ कहीं पर, खोयी हूँ कहीं पर
अरे कुछ ना कहूँ, चुप रहूं
मैं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रेहना है
मुझे कुछ केहना है
मुझे भी कुछ केहना है
पेहले तू
पेहले तुम
पेहले तू
पेहले तुम
पेहले तुम
मुझे रात दिन नहीं और काम
कभी तेरी याद, कभी तेरा नाम
सब रंग दुनिया के फीके लगते हैं
एक तेरे बोल बस मीठे लगते है
लिखे हैं बस तेरे सजदे इस जुबां पर
ज़िंदा हूँ मैं तेरी बस हाँ पर, नहीं पर
अरे कुछ ना कहूँ, चुप रहूं
मैं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रेहना है
मुझे कुछ केहना है
मुझे भी कुछ केहना है
पेहले तू
पेहले तुम
पेहले तू
तुम
पेहले तुम
तुम
तूम
तुम
तुम
मिले हमको फूल फ़िज़ा से मिले
वहां जा बसे, वहां जा रहे
तुझे मिलने में जहान दर ना हो कोई
पिया के सिवाए दूजा घर ना हो कोई
क्या ऐसी जगह है कोई इस ज़मीन पर
रहने दे बात को यहाँ पर, यहीं पर
अरे कुछ ना कहूँ, चुप रहूं (अरे कुछ ना कहूँ, चुप रहूं)
मैं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पर (मैं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पर)
अब मुश्किल चुप रेहना है (अब मुश्किल चुप रेहना है)
हम अक्सर कोई लड़का इस हाल में
किसी लड़की से सोलहवें साल में
जो केहती
जो केहता
है वो मुझे केहना है
अक्सर कोई लड़की
हो अक्सर कोई लड़का
हो अक्सर कोई लड़की इस हाल में (इस हाल में)