न छेड़ो कल के अफ़्साने करो इस रात की बातें
छलकने दो ये पैमाने करो इस रात की बातें
न छेड़ो कल के अफ़्साने
न फिर ये रात आएग़ी न दिल उछलेगा सीने में
न फिर ये रात आएग़ी न दिल उछलेगा सीने में
न होगी रंग पे महफ़िल न ऐसा रंग जीने में
मिलेंगे कब ये दीवाने करो इस रात की बातें
न छेड़ो कल के अफ़्साने
हर इक दिन कल का झगड़ा है हर इक दिन कल का है रोना
हर इक दिन कल का झगड़ा है हर इक दिन कल का है रोना
ये घड़ियाँ रात की तुम भी न औरों की तरह खोना
जो कल होगा ख़ुदा जाने करो इस रात की बातें
न छेड़ो कल के अफ़्साने
करो वो बात जिससे बोझ दिल का दूर हो जाए
करो वो बात जिससे बोझ दिल का दूर हो जाए
करो वो ज़िक्र जिससे बेकसी काफ़ूर हो जाए
मिले हैं दिल को बहलाने करो इस रात की बातें
न छेड़ो कल के अफ़्साने करो इस रात की बातें
न छेड़ो कल के अफ़्साने