आ आ
फिर किसी शाख ने फेकि छाँव
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी शाख ने फेकि छाँव
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी राह ने पास बुलाया
हो फिर किसी शाख ने फेकि छाँव
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
लब पे आता नही था नाम उनका
लब पे आता नही था नाम उनका
आज आया तो बार बार आया
बेवजह बेकरार रहते थे
बेवजह आज फिर करार आया ओ हो
फिर किसी शाख ने फेकि छाँव
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
हम तो भूले हुए थे दिल को मगर
हम तो भूले हुए थे दिल को मगर
दिल ने क्यूँ आज हमको याद किया
क्यूँ खुरेदा पुराना ज़ख़्म उसने
क्यूँ किसी भूले गम को याद किया ओ हो
फिर किसी शाख ने फेकि छाँव
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी राह ने पास बुलाया