रात दुल्हन बनी चाँद दूल्हा बना
रात दुल्हन बनी चाँद दूल्हा बना
आरज़ूओं भरे दिल मचलने लगे
दिल मचलने लगे की हर तरफ यू खुशी मुस्कराने लगी
ग़म की आँखो से आँसू निकलने लगे दिल मचलने लगे
सारा आलम है यू डगमगाया हुआ
सारी दुनिया है यू डगमगायी हुई
आज दिल पे नशा सा है छाया हुआ
आज नज़रो पे मस्ती है च्छाई हुई
और तो गम नही होश मे हम नही
गिर ना जाए कही हम संभलने लगे
दिल मचलने लगे रात दुल्हन बनी चाँद दूल्हा बना
आरज़ूओं भरे दिल मचलने लगे दिल मचलने लगे
इस ज़माने मे होते है ऐसे कई
कोई जिनको गले से लगता नही
जिनकी किस्मत मे होती है वीरनिया
जिनको गुलशन मे कोई बुलाता नही
थाम के रो पड़ी अपने दिल को फ़िज़ा
काफ़िले जब बहारो के चलने लगे
दिल मचलने लगे रात दुल्हन बनी चाँद दूल्हा बना
आरज़ूओं भरे दिल मचलने लगे दिल मचलने लगे