साजन की गलियां
छोड़ चले
दिल रोया आंसू बहे न सके
यह जीना भी
कोई जीना है
हम उनको अपना कहे न सके
साजन की गलियां
जब उनसे बिछड़ कर आने लगे
जब उनसे बिछड़ कर आने लगे
रुक रुक के चले
चल चल के रुके
लब काँपे आँखें भर आयी
कुछ कहना चाहा
कहे न सके
साजन की गलियां
छोड़ चले
दिल रोया आंसू
बहे न सके
साजन की