शर्म आती हैं मगर आज येह केहना होगा
शर्म आती हैं मगर आज येह केहना होगा
अब हमें आप के कदमो ही में रेहना होगा
शर्म आती हैं मगर
आप से रूठ के हम जितना जिए खाक जिए
आप से रूठ के हम जितना जिए खाक जिए
कई इल्जाम लिए और कई इल्जाम दिए
आज के बाद मगर कुछ भी ना केहना होगा
अब हमें आप के कदमो ही में रेहना होगा
शर्म आती हैं हम्म
देर के बाद यह समझे हैं मोहब्बत क्या है
अब हमें चाँद के झूमर की जरुरत क्या है
प्यार से बढ़के भला कौनसा गेहना होगा
अब हमें आप के कदमो ही में रेहना होगा
शर्म आती हैं मगर आज येह केहना होगा
आप के प्यार का बीमार हमारा दिल है
आप के प्यार का बीमार हमारा दिल है
आपके गम का खरीदार हमारा दिल है
आपको अपना कोईं दर्द ना सेहना होगा
अब हमें आपके कदमों ही में रेहना होगा
शर्म आती हैं मगर आज येह केहना होगा
शर्म आती हैं हम्म