सुमन सुधा रजनी चंदा
आज अधिक क्यों भाये
सुमन सुधा रजनी चंदा
आज अधिक क्यों भाये सुमन सुधा
प्रेम सिंघासन पिया बिराजे
पंखा झलु मैं हौले
मोहित मुग्ध उन्ही को ताको
बन मयुर मन डोले
सुमन सुधा रजनी चंदा
आज अधिक क्यों भाये
सुमन सुधा रजनी चंदा
आज अधिक क्यों भाये सुमन सुधा
ओओओ आआआ हम्म हम्म हम्म आआआ
प्रतिबिम्ब मेरी आशाओं का
तुम सन्तोष हो मेरा
आलिंगन सुन्दर सपनो का
खुशियों का कोष हो मेरा
सुमन सुधा रजनी चंदा
आज अधिक क्यों भाये
सुमन सुधा रजनी चंदा
आज अधिक क्यों भाये