अरे सुनो कहानी जब मै हुई तुमसे जुदा
किसी और की दुल्हन बनी
फिर सेज पे उसने मुझको अकेली बिठाके
हो दूजे की बाहों में
फेका मुझे कुछ पिलाके
हो फिर आंधी आई डली टूटी
फिर आंधी आई डली टूटी
कली मसल गयी पाव तले
कली मसल गयी पाव तले
मेरा ही सुहाग मुझको छल गया
देखो मुझे देखो जरा
घर के दीप से
मेरा घर जल गया
कुछ न रहा
कुछ न रहा
अब एक अकेली बाहो में सबकी
अब एक अकेली बाहो में सबकी
फिरू मई पापन शाम ढले
कली मसल गयी पाव तले
छोड़ा तुमने तो सबसे छूट गयी
साथ आये तुम न ये जहा
तुम ही तब मिले
जब मै लुट गयी
काम आये तुम न ये जहा
अब टूटी नय्या जाये उधर को
अब टूटी नय्या जाये उधर को
हवा लिए जिस ओर चले
कली मसल गयी पाव तले
अपना ही लहु फिरती हूँ पिए
लोग नशे में जाने मुझे
डोलू अपनी ही अर्थी सी लिए
कौन है जो थामे मुझे
अरे सब दो पल तो हाथ लगाये
अरे सब दो पल तो हाथ लगाये
सदा लगाये को गले
अरे सुनो कहानी
जब मै हुई तुमसे जुदा
किसी और की दुल्हन बनी
फिर सेज पे उसने मुझको अकेली बिठाके
हो दूजे की बाहों में
फेका मुझे कुछ पिलाके
हो फिर आंधी आई डली टूटी
हो फिर आंधी आई डली टूटी
कली मसल गयी पाव तले
कली मसल गयी पाव तले