तेरा मेरा प्यार अमर
फिर क्यों मुझको लगता है डर
तेरा मेरा प्यार अमर
फिर क्यों मुझको लगता है डर
मेरे जीवन साथी बता
क्यों दिल धड़के रह रह कर
क्या कहा है चाँद ने
जिसको सुनके चाँदनी, हर लहर पे झुमके
क्यों ये नाचने लगी
चाहत का है हरसू असर फिर
क्यों मुझको लगता है डर
तेरा मेरा प्यार अमर फिर
क्यों मुझको लगता है डर
कह रहा है मेरा दिल
अब ये रात न ढले
खुशियों का ये सिलसिला, ऐसे ही चला चले
तुझको देखूं देखूँ जिधर फिर
क्यों मुझको लगता है डर
तेरा मेरा प्यार अमर फिर
क्यों मुझको लगता है डर
है शबाब पर उमंग
हर ख़ुशी जवान है
मेरी दोनों बाहों में, जैसे आसमान है
चलती हूँ मै तारो पर
फिर क्यों मुझको लगता है डर
तेरा मेरा प्यार अमर फिर
क्यों मुझको लगता है डर