टूटे हुए अरमानो की इक दुनिया बसाए
टूटे हुए अरमानो की इक दुनिया बसाए
बैठी हूँ तेरी याद को सिने से लगाए
टूटे हुए अरमान
तू दूर है नॅज़ारो से, तू दूर है नज़रों से
खुशी दूर है दिल से, खुशी दूर है दिल से
तू आए तो फिर मेरी खुशी लौट के आए
बैठी हूँ तेरी याद को सिने से लगाए
टूटे हुए अरमानो की इक दुनिया बसाए
टूटे हुए अरमान
इस डर से की दुनिया कही मजबूर ना कर दे
मजबूर ना कर दे
पलको से लहराते हुए आँसू ना बहाए
बैठी हूँ तेरी याद को सिने से लगाए
टूटे हुए अरमान
इक क़ैद है गम की
इक क़ैद है गम की ये जुदाई का ज़माना
जुदाई का ज़माना
आजा के गम मुझसे कही जीत ना जाए
बैठी हूँ तेरी याद को सिने से लगाए
टूटे हुए अरमानो की इक दुनिया बसाए
बैठी हूँ तेरी याद को सिने से लगाए
टूटे हुए अरमान