बिगड़ बिगड़ के बनी थी किस्मत
बन बन के फिर बिगड़ी ई ई
बन बन के फिर बिगड़ी
उजड़ी रे
उजड़ी रे मेरे प्यार
की दुनिया उजड़ी
उजड़ी रे मेरे प्यार
की दुनिया उजड़ी
उजड़ी रे
मेरे मन की आशाओं
ने इक तस्वीर बनाई
मेरे मन की आशाओं
ने इक तस्वीर बनाई
तसवीर मिटा दी दुनिया ने
तक़दीर बनी और बिगड़ी
उजड़ी रे
उजड़ी रे मेरे प्यार
की दुनिया उजड़ी उजड़ी रे
दिल को लगन है जिसकी नहीं
किस्मत में मुहब्बत उसकी
दिल को लगन है जिसकी नहीं
किस्मत में मुहब्बत उसकी
बुल-बुल से है फूल जुड़ा
और फूल से बुल-बुल बिछडी
उजड़ी रे
उजड़ी रे मेरे प्यार
की दुनिया उजड़ी
उजड़ी रे मेरे प्यार
की दुनिया उजड़ी उजड़ी रे