उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जाऊँ
उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी
हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी भारी
गगारिया कैसे ले जौन
डगर मे रूप के लोभी
नगर मे मन के मेले है
नगर मे मन के मेले है
यहा पापी नज़रियो के
हज़ारो जाल फैले है
हज़ारो जाल फैले है
भरे बाज़ार मे बाली
उमारिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी
हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ
उमँगो को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जौन
मोहे दुनिया से दर लागे
यहा लाखो है मतवाले
यहा लाखो है मतवाले
ना जाने कोई अलबेला मोहे
किस राग मे राग डाले
मोहे किस राग मे राग डाले
रगिलो मे भला कोरी
चुनरिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी
हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ
उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जाऊँ
लगा के हाथो मे मेहदी
रचा के नैनो मे रतिया
रचा के नैनो मे रतिया
दुलहानिया बनके निकली हू
मिलेगे आज मन बसिया
मिलेगे आज मन बसिया
साजन के द्वार से प्यासी
नज़रिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी
हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ
उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जौन