उन्हें खोकर
उन्हें खोकर
दुखी दिल की दुआ से
और क्या मांगू
मै हैरान हूँ
की आज अपनी वफ़ा से
और क्या मांगू
उन्हें खोकर
गिरहबा चाक है
आँखों में आँसू
लब पे आहे है
गिरहबा चाक है
आँखों में आँसू
लब पे आहे है
यही काफी है
दुनिया की हवा से
और क्या मांगू
उन्हें खोकर
दुखी दिल की दुआ से
और क्या मांगू
उन्हें खोकर
मेरी बर्बादियों की दास्ताँ
उन तक पहुंच जाए
मेरी बर्बादियों की दास्ताँ
उन तक पहुंच जाए
सिवा इसके मोहब्बत
के खुदा से
और क्या मांगू
उन्हें खोकर
सीपी सीपी पीछे हटो
मितवा ओ मितवा
मितवा
मितवा ओ मितवा आगे