याद आए के ना आए तुम्हारी
मैं तुमको भूल ना जाऊँ
याद आए के ना आए तुम्हारी
छिन छिन आउ द्वार तुम्हारे
बिन कारण गाने गाउँ
याद आए के ना आए तुम्हारी
दिन जाये चले जब तक जीता हूँ
राह चलते कभी मैं आज तो आ पहुंचूँ
दिन जाये चले जब तक जीता हूँ
राह चलते कभी मैं आज तो आ पहुंचूँ
मुख पे तुम्हारे सुख की प्यारी
मीठी हंसी ही पाऊँ
मैं इसी लिए बिन कारण गाने गाउँ
याद आए के ना आए तुम्हारी
झड़ते हैं फूल फागुन के
फागुन के महीने में
मैं तुमसे बिदा होता हूँ
इक दर्द लिए सीने में
झड़ते हैं फूल फागुन के
फागुन के महीने में
मैं तुमसे बिदा होता हूँ
इक दर्द लिए सीने में
दिन बीतेगा और होगा अंधेरा
गीत नहीं गूंजेगा
थम जाएगी बीना
दिन बीतेगा और होगा अंधेरा
गीत नहीं गूंजेगा
थम जाएगी बीना
जब तक तुम रहो आँखों में तो
जम जम जी बहलाऊँ
मैं इसी लिए बिन कारण गाने गाउँ
याद आए के ना आए तुम्हारी