हो हो आ आ
ये जब से हुई जिया की चोरी
पतंग सा उड़े ये मन जो है तेरे हाथो मे डोरी
ये जब से हुई जिया की चोरी
पतंग सा उड़े ये मन जो है तेरे हाथो मे डोरी
ये जब से हुई
पड़ी जो मेरे तन पे ये सुने जीवन पे सलोने तेरी धूप
निखर गयी मैं तो संवर गया देखो ये मेरा रूप
पड़ी जो मेरे तन पे ये सुने जीवन पे सलोने तेरी धूप
निखर गयी मैं तो संवर गया देखो ये मेरा रूप
कहे मोसे दर्पण हो गयी तू नयी हुई
ये जब से हुई जिया की चोरी
पतंग सा उड़े ये मन जो है तेरे हाथो मे डोरी
ये जब से हुई हा हा हा हा
क्या जादू किया तैने बँधा जो तुझे मैने ये आँचल से
झूमे रे मन मेरा लिखा है नाम तेरा जो काजल से
क्या जादू किया तैने बँधा जो तुझे मैने ये आँचल से
झूमे रे मन मेरा लिखा है नाम तेरा जो काजल से
जिधर अब मैं देखु बस दिखे रे तू ही हाई
ये जब से हुई जिया की चोरी
पतंग सा उड़े ये मन जो है तेरे हाथो मे डोरी हो
ये जब से हुई जिया की चोरी
हम्म हम्म हम्म हम्म
हा हा हा हा हा हा हा हा