दिल ऐसे ना समझना के तू है अकेला
मुश्किल मोड़ सही
हम रहे थे कभी ना कभी यहाँ पर
थोड़ी देर और सही
इस पल आए है, फिर कब जाएँगे
कहने सुनने आए थे, समझ के जाएँगे
मेरा ना कोई है पता इस जगह पर
यूँ तो है मेरा ये जहाँ
लाया क्या मैने कहूँ, कब मेरा है यहाँ पर
शायद हो पहले से बस्ता बसा सब यहाँ
अबर भी ठहरा है अभी कहकशा पर
खिला है देखो यहाँ वहाँ
मिल के बरसता ये चला है जहाँ पर
इसी की मर्ज़ी है हो तुम और हम भी यहाँ
जब नही था जहाँ, तब से ही कोई यहाँ
तो दिल क्यूँ ना मिल के रहे
वक़्त रहे ना सदा, यूँ गुज़र जाएगा
दिल एक साए में मिल
रह जाएँगी यादे, दो बाते जब
चला जाएगा, चला जाएगा
सुनने वाले ने कहने वाले को
वो बाते सुनाई समझने वालो को
तारे भी कैसे टिमटिमाते रातो में
कोई ना तन्हा है वहाँ
चले ही जाते है ये दिल को लुभा के
इन्हे के जाते ही आए सवेरा यहाँ
दिल ऐसे ना समझना के तू है अकेला
मुश्किल मोड़ सही