जब हम छोटे होते थे
सोचा था की ये ऐसा होगा
ये जमाना क्यूँ ऐसा है, मेरी जान
अब हम बड़े हो गए
देखा है की वे ऐसा है
ये जमाना क्यूँ ऐसा है, मेरी जान
रास्ते हैं वही, है तो प्यार की कमी
मैं जो ढूँढता हैं मिले कहाँ
ये है तो एक ज़माना बहाना
सब को कुछ न कुछ कह के दिखाना
गुलशनों की कमी है, कमी है
ज़िन्दगी काट से बनी है नफरतें भी हैं यहीं
और प्यार की कमी
राही ढूंढें क्या तू अब यहाँ
बदले मौसम बदले हम
जाने अब अनजाने हो गए
जान कर हम हो गए अनजान
जोश ज़्यादा होश कम
हैरान हैं परेशान हैं सब
कयामत नहीं तो ये क्या है, मेरी जान
ये ज़मीन ये आसमान
फिर मिलेंगे दो जहाँ
बनेगा फिर से नया आशियान
इम्तेहान की घड़ी है, सजी है
जैसे वे दिन रात से जुडी है जिसने जाना उसी ने पहचाना
सदा ये दिल की उसी ने खूनी है रास्ते खुले वहीं
है नयी ये ज़िन्दगी
राही चल दिया है तू अब कहा